(Bhimtal) भीमताल

उत्तराखंड के कुमाऊँ में स्थित नैनीताल को झीलों की नगरी कहा जाता है, क्योंकि उत्तराखंड के इस जिले में कई बेहद खबसूरत झील हैं, जिनकी खूबसूरती देखते ही बनती है। आज हम नैनीताल के इन्ही सुंदर झीलों में से एक भीमताल की बात करेंगे।

भीमताल, नैनीताल से 23 KM और हल्द्वानी से 28 किलोमीटर दूर है। यह जगह समुद्र तल से 1370 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और उत्तराखंड राज्य की एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल के रूप मे जानी जाती है।

भीमताल नैनीताल जिले में स्थित सभी झीलों में से सबसे बड़ी झील हैं, नगर के केंद्र मे, झील के किनारे  प्रसिद्ध  भीमेश्वर महादेव का मंदिर हैं। भीमताल का उल्लेख कई प्राचीन  हिंदू धार्मिक ग्रंथों में है।

दिल्ली, चंडीगढ़, देहरादून और दूसरे कई शहरों से कई पर्यटक वीकेंड मे भीमताल में प्रकृति के साथ समय बिताने आते हैं, यहाँ पाइन और ओक ट्रीस और झील से आती ठंडी हवा यहाँ का मौसम गर्मियों में भी खुशनुमा बनाती  हैं।

भीमताल वॉटर स्पोर्ट्स और activities के लिए यह जगह पर्यटकों का पसंदीदा स्थान है।

मुख्य सड़क  से आगे बढ़ते हुए एक ओर झील और दूसरी ओर पहाड़ी नज़र आती हैं, रोड झील के किनारे से लगी हैं, यहाँ रोड से गुजरते हुए झील के सुंदर नजारों का आनंद लिया जा सकता हैं। पहाड़ी मे कुछ होटेल्स, रेसोर्ट्स के अलावा कई लोगों के निजी आवास भी हैं।

भीमताल झील इंगलिश करैक्टर ‘C’ के आकर में है। मुख्य सड़क मे थोड़ा आगे बढ़कर ब्रिज से ठीक पहले एक बाइ पास रोड हैं, जो भरी वाहनों के लिए हैं, जो भीमताल नगर से बाहर हाईवे से फिर कनैक्ट हो जाती हैं।

ब्रिज से थोड़ा आगे जाकर भीमताल के मुख्य तिराहे पर पहुंचते हैं, जहां से बायी ओर जाने वाली रोड नैनीताल/ अल्मोड़ा/ रानीखेत और दूसरी जगहों को जाती हैं, इसमे भीमताल की सबसे बड़ी बाज़ार भी ओर को हैं। इसी रोड मे आगे  2-3 किलोमीटर मे भीमताल के कई वेल नोन होटेल्स/ रेसोर्ट्स भी हैं।

दायी ओर को जाने वाली रोड ताल के किनारे भीमताल डाँठ पर पहुचते हैं, इसी रोड मे आगे जाकर एक मार्ग नौकुचियाताल के लिए भी जाता हैं।

उससे आगे भीमताल डाँथ और भिलेश्वर महादेव का मंदिर और उससे आगे जाकर ठंडी सड़क और तल्लीताल वाली रोड से मिल जाती हैं। यह झील का सबसे व्यस्त स्थान है, जो पर्यटकों के लिए भीमताल का मुख्य आकर्षण पॉइंट है। यहाँ कई रैस्टौरेंट, फूड स्टॉल और ठहरने के लिए कुछ ऑप्शन हैं।

रंग बिरंगी अलग अलग तरह की बोट्स, दुनिया भर के पर्यटक, भीमताल झील का सुंदर नज़ारा और आस पास का माहौल इस जगह को बेहद आकर्षक बना देता हैं। झील मे कई प्रकार की मछलियाँ और बतख आदि जलचर देखे जा सकते हैं।

भीमताल कई तरह की aero स्पोर्ट्स और adventure activities के लिए भी जाना जाता था, नैनीताल की तरह ही यहाँ का पीक सीज़न अप्रैल से जून बरसात शुरू होने से पूर्व, और बरसात का मौसम खत्म होने के बाद october से दिसम्बर तक, वैसे साल भर यहाँ कभी भी आया जा सकता हैं।

lake के किनारे बनी दोनों रोड्स से लगी पहाड़ियो मे हैं, कुछ अच्छे रिज़ॉर्ट नैनीताल रोड मे हैं। यहाँ हर बजेट के होटेल्स हैं।

Bhimtal मे हाइयर स्टडीस के लिए कुछ अच्छे institution और बोर्डिंग स्कूल भी हैं।

भीमताल मे Lok Sangrah, Folk Cultural Museum  म्यूज़ियम देखे जाने वाली जगहों मे से एक हैं, इसकी स्थापना 74 वर्षीय प्रोफेसर यशोधर मठ पाल जी ने 1983 मे की थी, उनका अनमोल प्राचीन काला का संग्रह हमारी विरासत से जोड़ता हैं।

गर्मियों के मौसम मे भी अपने साथ कुछ सुबह शाम पहने के लिए हल्के उनी कपड़े रखें, यहाँ का मौसम ठंडा हैं, यहाँ आसपास घूमने के लिए कई जगहे हैं, जिनमे से नैनीताल, नौकुचियातल, सात ताल, कैंची धाम, भवाली, मुक्तेश्वर, अल्मोड़ा,आदि स्थल हैं।  नौकुकियाताल और सातताल यहाँ से कुछ ही दूरी पर हैं। हर ताल के आस पास का ज्योग्राफी हर ताल को अलग बनाती हैं, ये दोनों ताल अलग दिशा मे हैं, और रोड इन दोनों तालों से आगे नहीं जाती, इसलिए यहाँ यहाँ नैनीताल और भीमताल की अपेक्षा शांति हैं।

देश से मुख्य शहरों से आते हुए, हल्द्वानी या काठगोदम तक रेल आती है। इससे आगे भीमताल तक का सफ़र बस, टैक्सी या अपने वाहन से किया जा सकता है। काठगोदाम के बाद रानीबाग के तिराहे से बायीं और जाती सड़क  नैनीताल को दायी, नीचे की ओर जाती रोड भीमताल को जाती हैं।

रानीबाग से भीमताल को आते हुए  सलड़ी, जो जगह बेहद आकर्षक हैं,  पहाड़ की ओर जाते हुए लोग ठंडी हवाओं के साथ चाय, नाश्ते के लिए रुकते  हैं। यहाँ कई छोटे रैस्टौरेंट और प्राकर्तिक जल स्रोत हैं।

यह रोड कुमाऊँ के अन्य जिलों अल्मोड़ा, वागेश्वर, पिथौरागढ़ और कुमाऊँ/ गढ़वाल को जाती है। अप्रैल से जून के बीच इस सड़क पर अतिरिक्त दवाब देखा जा सकता हैं, क्योकि इस समय पर्यटक सीज़न पीक मे रहता हैं, यहाँ घुमावदार मोटरेबल रोड जो रानीबाग के बाद भीमताल तक लगातार चढ़ाई लिए हुए हैं।

भीमताल के बारे में अधिक जानने के लिए वीडियो देखें।

 

Related posts

Binsar: Unveiling the Himalayan Splendor in Uttarakhand’s Hidden Gem

Uttarakhand: Discover 50 Captivating Reasons to Visit

Discovering the Mystical Rudranath