पहाड़ी लोकगीत : पहाड़ी परम्पराओं का समग्र परिचय
लोक संस्कृति यानि किसी क्षेत्र विशेष के समाजों का समग्र परिचय। इससे लोगों का आपसी व्यव्हार परम्परा खेती किसानी के तोर-तरीके खान-पान, बोली, तीज...
सैर कीजिए उत्तराखंड की सीमा से लगे राष्ट्र नेपाल की
नेपाल – भारत का निकटष्ठ पडोसी, सहयोगी और मित्र राष्ट्र रहा हैं, हज़ारो, लाखो की संख्या में भारतीय हवाई अथवा सड़क मार्गे से काठमांडू...
उत्तराखंड चार धाम यात्रा/ दर्शन
उत्तराखंड चारधाम दर्शन के लिए श्रद्धालु, अपने जीवन में कम से कम एक बार तो आना ही चाहते हैं। इन दिनों इन धामों के...
प्राचीन और देश का दूसरा सबसे बड़ा सूर्य मंदिर – “कटारमल सूर्य मंदिर”
आज हम एक ऐसे प्राचीन धार्मिक स्थल की बात करने जा रहे हैं, जो देवभूमि उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के कटारमल नामक स्थान पर...
अल्मोड़ा दो दशक पहले!
तब लोग मिलन चौक में लाला बाजार से थाना बाजार तक तो लगभग रोज ही घूम आते। अब भी शायद जाते हों। यह हैं अल्मोड़ा का मशहूर मिलन चौक, नाम के अनुरूप...
मां नंदा सुनंदा लौटी अपने ससुराल, भक्तों ने दी माता को अश्रुपूर्ण विदाई
मां नंदा-सुनंदा लौटी अपने ससुराल, भक्तों ने दी माता को अश्रुपूर्ण विदाई।
नैनीताल। कुमाऊं में कुलदेवी के रूप में पूजी जाने वाली मां नंद-सुनंदा अष्टमी...
मैं हल्द्वानी हूँ, लोग कहते है – मैं बदल गया हूँ, और मैं (हल्द्वानी)...
अपने - अपने नज़रिये से तो हम शहर को देखते और बाते करते है। पर एक शहर कैसे सोचता होगा - इसकी कल्पना कर...
डाली डाली फूलों की, तुझको बुलाये रे मुसाफिर मेरे उत्तराखंड में…- ‘बेदिनी बुग्याल’
डाली डाली फूलों की, तुझको बुलाये रे मुसाफिर मेरे उत्तराखंड में..., इन पंक्तियों को सुन कुछ याद आता है, तो वह है -'बेदिनी बुग्याल'...
देवभूमि का लोकपर्व – सातूँ आठूँ (बिरुड़) पर्व
देवभूमि उत्तराखंड में कई ऐतिहासिक पर्व मनाए जाते हैं। उनमें से एक लोकप्रिय पर्व है सातूँ आठूँ( गौरा-महेश पूजा)। कुमाऊं में मनाया जाने वाला...
उत्तराखंड जागर : सदियों पुरानी लोक परम्परा
नैसर्गिक सुंदरता से भरे उत्तराखंड के अनेकों दूरस्थ गांव, भले ही इन गांवो में पहुंचने का मार्ग कितना ही दुर्गम क्यों न हो, ये...
लखुउडियार शैलाश्रय अल्मोड़ा
हजारों वर्ष पूर्व, प्रागेतिहासिक युग के लोग कैसे रहते होंगे, जब आदमी पेड़ो और गुफाओं में रहा करता था। जब उसने पत्थरों से आग जलाना...
जगह के साथ अपनी जड़ों से भी दूर होते लोग
महानगरों की चमक से आकर्षित हो, हम चले आते हैं छोड़ कर, अपनी जगह को और हो जाते हैं जड़ों से दूर। और इस...
ऐपण कुमाऊँ की पारंपरिक कला
ऐपण या अल्पना एक लोक चित्रकला है। जिसका कुमाऊँ के घरों में एक विशेष स्थान है। ये उत्तराखण्ड की एक परम्परागत लोक चित्रकला है।...
धरती पर स्वर्ग – कौसानी-भारत का स्विट्ज़रलैंड
कौसानी भारत का प्रसिद्ध एवं खूबसूरत दृश्यों से परिपूर्ण पर्वतीय पर्यटक स्थल है। उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में स्थित और प्रसिद्ध पर्यटक स्थल, यहां...
ब्राउन राइस – पोषक तत्वों का खजाना, सफ़ेद चावल से कई गुना अधिक...
व्हाइट राइस में सिंपल कार्बोहाइड्रेट पाए जाते हैं जो बेहद जल्दी पच जाते हैं और व्यक्ति को बार बार भूख लगती है। लेकिन अगर...
अपने दोहन पर व्यथा – मैं प्रकृति हूँ
"ऊँ नमः दैवेये, महा दैवेये शिवायै सततः नमः।
नमः प्रकृतयै भद्रायै नियताःप्रणताः स्मताम।।"
"माँ आप कौन है? और इस वन मे आप इस प्रयोजन हेतु है?...
भारी बारिश से चारों धाम यात्रा मार्ग सहित 300 मार्ग बंद
उत्तराखंड में भारी मानसूनी बारिश से सड़कें बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन...
कैसे पड़े कुमाऊँ और गढ़वाल नाम
उत्तराखंड के दो मंडल कुमाऊँ और गढ़वाल इनके नाम कैसे पड़े आइए जानते हैं।
कुमाऊँ - कुमाऊँ शब्द की उत्पत्ति का कारण यह माना जाता...
नैनीताल खोजे जाने की कहानी
विश्व भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला स्थान, जो नाम अपने आप में खूबसूरती का पर्याय बन चुका है, ना जाने...
ऊर्जा का केंद्र – कसारदेवी शक्तिपीठ
देवभूमि उत्तराखंड में कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जिनका ऐतिहासिक, पौराणिक महत्व तो है ही, साथ ही वैज्ञानिक महत्व भी है। आज हम ऐसे...