बचपन की यादें और दादी मां का प्यार

बात है उन दिनों के जब मैं बहुत छोटी थी, इतनी छोटी कि मुझे याद भी नहीं, शायद दो-तीन साल की। दादी मां ने वैसे...
litti chokha

लिट्टी चोखा, समान मंगाया, घर में बनाया, पसंद भी आया पर फिर कभी दोबारा...

जनाब, सात आठ माह से पुत्र से न मिल पाने की विवशता, श्रीमतीजी का पुत्र मोह, पुत्र के रहन सहन, खाने पीने की व्यवस्था...
Almora

कहाँ गया वो अल्मोड़ा!

आज लगभग बयालीस वर्षों के बाद अपनी जन्मभूमि अल्मोड़ा की पावन भूमि की मिट्टी को अपने माथे पर लगाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मन...

काफल का पेड़

काफल का पेड़, जो मेरे घर के पीछे स्थित था।मैं तब छोटा था, अल्मोड़ा में, पनियाँउडार मुहल्ले में रहता था। वहीं था ये काफल...
almora lala bazar

अल्मोड़ा लाला बाजार की यादें

अब धीरे धीरे हल्द्वानी की सार पड़ती जा रही है। बात बात मे अब शिमला मे ऐसा, शिमला मे वैसा कम निकलता है, शिमला मे...
Beautiful Nainital

कोहरा, झिलमिल सी बूंदे, ठंडी हवा और नैनीताल का वो सफर

बात है कुछ साल पहले की, मेरे पापा हमारे गांव से शहर हमसे और हमारे भाई बहनों से मिलने आए थे। पापा बोले कि...
Suniya aka Badal

फ़िल्म के किरदार से प्रेरित युवक सुनिया उर्फ़ बादल

बादल... बेला… यों तो दोस्तों इस दुनिया में होने वाला हर लम्हा, हर चीज़ परिवर्तनशील है जो कि प्रकृति का नियम है। इस पर समय...

जब की -अँधेरे में सुनसान सड़क से गुजरती लड़की की मदद की कोशिश

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बात कुछ 20 वर्ष पुरानी है, अपने कॉलेज के दिनों में, एक शाम मित्र और मैं ब्राइट एंड कार्नर वापस लौट रहे थे, रात...

वो बचपन की यादें और शरारतें

बात है उस समय की जब मैं प्राइमरी स्कूल में पढ़ती थी जो कि सिर्फ प्री नर्सरी से फिफ्थ क्लास तक था और मेरे...

बहुत याद आता है पहाड़।

आज मुझे अपना पहाड़ रह-रहकर याद आता है। ना जाने क्यों मुझें ऐसा लगता है, कि जैसे मेरा पहाड़, मुझे बुला रहा है। यदि...
Haridwar Ganga River

माँ गंगा ने बुलाया है – हरिद्वार यात्रा अनुभव

मैैं यहाँ स्वयं  नही आया, बल्कि माँ गंंगा  ने मुझे बुुलाया था अपने सानिध्य में, अपने शुभ-आशीष  और स्नेह के साथ। माँ  पुत्र को...

अंधेरी रात के चमकीले भूत का सच

दोस्तों मैं आज आपको कहानी बताने जा रही हूं, अंधेरी रात के चमकीले भूत की। इस कहानी में पांच-छह साल के बच्चों का ग्रुप...
old lady

इंतजार करती थकती बूढी आँखें, और लौट कर ना आती जवां खवाहिशे

मेरा आज का विषय पलायन से जुड़ा हुआ है। ये वर्ष 2000 की बात है मैं अपने पैतृक घर गंगोलीहाट ईष्ट की पूजा के लिए...
village life uttarakhand

अतिथि देवो भव (समृद्ध ग्रामीण पारंपरिक आतिथ्य सत्कार का अनुभव)

आज मैं जब  इस विषय पर  चर्चा करने जा रहा हूँ तो मेंरे अंतर्मन में  अनेक विचारों का आवागमन चल रहा है।कभी सोच रहा...
childhood

ऐसा रोचक होता था बचपन डिजिटल दुनिया से पहले।

हम सभी का मन करता है कि एक बार फिर लौट चलें बचपन में। खासतौर पर तब, जब हम उम्र के उस पड़ाव में...
almora patal bazar

घर जो छोड़ना पड़ा

चम्पानौला का तिमंजिला मकान, मेरी दिल्ली वाली बुआ के ससुराल वालों का था, और हम लोग उस मकान के पाँच कमरों मे साठ रुपये...

दांत का दर्द और डॉक्टर

जनाब जिंदगी मे हमारे अफ़साने बनना तो तय था लेकिन कभी सोचा नही था के हमारे दांतों के भी इतने अफ़साने बन जायेगे कि...

जंगली सुअरों से खेती को ऐसे बचाया

उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के गरुड़  विकासखंड के अणां गांव के काश्तकारों ने खेतों में लगी फसलों को जंगली सुअरों से बचाने के लिए...

पोखरा में मिले एक ड्राइवर ने कैसा व्यवहार किया!

साल 2007 मुझे 1 सप्ताह के लिए नेपाल जाना था, एक मार्केट सर्वे के लिए। अगस्त का महीना था, उत्तर बिहार बाढ़ में डूबा हुआ...

अल्मोड़ा दो दशक पहले!

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तब लोग मिलन चौक में लाला बाजार से थाना बाजार तक तो लगभग  रोज ही घूम आते। अब भी शायद जाते हों। यह हैं अल्मोड़ा का मशहूर मिलन चौक, नाम के अनुरूप...