बस में वो अकेली लड़की (कविता)
बस की किनारे वाली सीट की खिड़की से, बाहर झांकती वो लड़की।
पीछे छुटते पहाड़ों, नदी और नदी के पार, उंचाई पर पर बसे...
दांत का दर्द और डॉक्टर
जनाब जिंदगी मे हमारे अफ़साने बनना तो तय था लेकिन कभी सोचा नही था के हमारे दांतों के भी इतने अफ़साने बन जायेगे कि...
ढलता हुआ सूरज (पुत्र के आधुनिक और पेरेंट्स के पुराने होने की मार्मिक कहानी)
मैं ढलता हुआ सूरज हूँ। लाचार, बेबस और असहाय, मुझे मेरी उस संतान ने ही सड़क पर लाकर रख दिया है। जिस पर मै...
….और ट्रेन चलने लगती है
यह कहानी है 5 साल की छोटी बच्ची की, जो ट्रेन में अपनी मम्मी से बिछड़ जाती है। उसके बाद उसकी क्या प्रतिक्रिया होती...
अनजान सही, तो भी बताना होता है, रिश्तों को कभी यो भी निभाना होता...
हर साल की तरह इस साल भी शिक्षक दिवस पर सकुचे शरमाये से हम हाँ पर हाँ मिलाये जा रहे थे। वैसे तो हमारे...
ना कह पाने की व्यथा की कथा
यात्रा ए लेह
जब भी किसी मित्र को यात्रा वृतांत अथवा किस्से कहानियां सुनाते पाते है तो बड़ा रश्क होता है कि देखो, कितना भाग्यशाली...
महात्मा बुद्ध जिनसे जुड़े हैं भारत और श्रीलंका का इतिहास
साल 2015
मैं 2 सप्ताह के लिए श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में था। श्रीलंका के पश्चिमी तट पर स्थित कोलंबो एक बेहद खूबसूरत शहर है,...
मुंबई की तेज भागती जिंदगी से तालमेल
साल 2010
मैं अफ्रीका छोड़कर हिंदुस्तान लौट आया था। एक जर्मन मल्टीनेशनल की इंडियन सब्सिडियरी जॉइन किया था। यूं तो यह कंपनी प्रोजेक्ट सेल्स में...
बिच्छू घास सिर्फ हथियार या हैं और भी काम? ?
बिच्छू घास सिर्फ एक हथियार, या फिर आता है काम, किसी और भी प्रकार?
"बिच्छू से डरना धर्म बन गया!
जब से शैतानी कर्म बन गया!"
1)...
अपनी बोली बात निभाएँ, रिश्ते स्वयं ही बन जाएंगे…
साल 2007
मैं 4 दिन के लिए नेपाल की राजधानी काठमांडू में था। मैं काठमांडू मार्केट का सर्वे करना चाहता था। काठमांडू हिमालय की तराई...
सम्मान ऐसी कीमती वस्तु जिसे देने में आपकी जेब से कुछ नहीं जाता
साल 2005
मैं हिंदुस्तान की आर्किटेक्चरल हार्डवेयर की सबसे बड़ी कंपनी में झारखंड और बिहार का सेल्स देखता था। पूरा झारखंड और बिहार घूमता रहता...
मास्क, सेनेटाइजर के तले – कुचले अरमान
जनाब वैसे तो इस कोरोना के नाम से ही दहशत व्याप्त है, सुबह शाम दोपहर जब भी टेलीविजन खोलो दिल बैठ सा जाता है।...
अल्मोड़ा दो दशक पहले!
तब लोग मिलन चौक में लाला बाजार से थाना बाजार तक तो लगभग रोज ही घूम आते। अब भी शायद जाते हों। यह हैं अल्मोड़ा का मशहूर मिलन चौक, नाम के अनुरूप...
पहाड़ों की सुबह
पहाड़ के गाँव में सुबह जल्दी हो जाने वाली हुयी।
सुबह 5 बजे से बरसात शुरू हो गयी थी, लेकिन आज के सुबह के काम...
वो बचपन की यादें और शरारतें
बात है उस समय की जब मैं प्राइमरी स्कूल में पढ़ती थी जो कि सिर्फ प्री नर्सरी से फिफ्थ क्लास तक था और मेरे...
कुसुम दी- कितने ही युवाओं के भविष्य को स॔वारने में उन्होंने योगदान दिया
सुबह का समय था, मैं बैठक में बैठकर अखबार पढ़ रहा था और चाय की चुस्की का आनंद ले रहा था। अचानक फोन (लैंडलाइन)...
अल्मोड़ा लाला बाजार की यादें
अब धीरे धीरे हल्द्वानी की सार पड़ती जा रही है।
बात बात मे अब शिमला मे ऐसा, शिमला मे वैसा कम निकलता है, शिमला मे...
कुमाऊं में महिला रिसर्चर के रूप में कार्य करते हुए अनुभव
कोई दो साल पहले एक रिसर्च के सिलसिले में कुमाऊं के कुछ इलाकों में घूम रही थी, लोगों से मिल रही थी, इंटरव्यूज़ कर...
अफ्रीका में, जो मैंने सीखा
साल 2008
मैं अपने जीवन में पहली बार अफ्रीका जा रहा था। उसके पहले सिर्फ नाम सुना था, अफ्रीका द ब्लैक कॉन्टिनेंट। मैं बड़ा खुश...
इंतजार करती थकती बूढी आँखें, और लौट कर ना आती जवां खवाहिशे
मेरा आज का विषय पलायन से जुड़ा हुआ है।
ये वर्ष 2000 की बात है मैं अपने पैतृक घर गंगोलीहाट ईष्ट की पूजा के लिए...