अफ्रीकन महिला – अपनत्व बिना शब्दों के!
साल 2008
मैं पहली बार अफ्रीका गया था, और 3 महीने के लिए दार ए सलाम, तंजानिया में था। यह हिंद महासागर के किनारे बसा...
बारिश में ये मौसम और आँखों में नमी नैनीताल के पुराने दिनों की
आज सुबह से बरसात ने मौसम सुहावना कर दिया है। बरामदे मे कुर्सी डाल गरम चाय की प्याली के साथ अतीत की गहराईयो मे...
बचपन की यादें और दादी मां का प्यार
बात है उन दिनों के जब मैं बहुत छोटी थी, इतनी छोटी कि मुझे याद भी नहीं, शायद दो-तीन साल की।
दादी मां ने वैसे...
ईमानदारी में जब विनम्रता जोड़ी जाती है तो, परिणाम आता है सम्मान
साल 2002
एक टेक्सटाइल कंपनी में, मैंने एग्जीक्यूटिव ट्रेनी के तौर पर ज्वाइन किया था। प्रशिक्षण के सिलसिले में दो सप्ताह के लिए लुधियाना सेल्स ऑफिस...
वो थकान भरा दिन
साल 1999
मैं बीकॉम फाइनल ईयर का स्टूडेंट था, और एक स्टेशनरी फर्म में काम करता था। कॉलेज क्लासेस मेरी शुरू होती थी सुबह 7:25...
बारिश की वो रात…
वर्ष 199612th का एग्जाम देकर कोई काम धंधा ढूंढ रहा था, तभी अखबार में वैकेंसी दिखी - डोर टू डोर मार्केटिंग के लिए। मैं...
वो सरकारी आवास के आराम और अब ख़त्म न होते काम
जनाब उम्र के इस पड़ाव पर जब भी मुड़ कर देखा एक बात बहुत याद आती है, यहाँ हल्द्वानी में कठघरिया मे बसने के...
नंदादेवी कौतिक का वो उत्साह
आहा झोड़ा गाते गाते गोल गोल घुमते स्त्री और पुरुष, हुडुके की थाप, एक दुसरे के कंधो पर हाथ, मानव शृंखला मदमस्त नून तेल...
सपनों की साइकिल से हकीकत का सफर
यह बात है उन दिनों की जब मैं छठी कक्षा में पढ़ती थी।
सपनों की साइकिल से हकीकत का सफर
जब मैं साइकिल...