गैर पेशेवर रिटेलर से मिला एक कड़वा अनुभव

साल 2017
मैं अपनी कंपनी का बिजनेस बढ़ाने का कोशिश कर रहा था। हमारे पास प्रोडक्टस बहुत कम थे, हमने दो और कंपनियों का डिस्ट्रीब्यूशन ले रखा था। जिससे हमें कुछ सेल्स मिलता और हम अपने डे टुडे खर्चे को मेंटेन कर पाते थे। एक कंपनी का डिस्ट्रीब्यूशन मेरे पास था गुजरात फ्लोरोकेमिकल्स जो रेफ्रिजरेंट गैस बनाती है इस गैस का इस्तेमाल एयर कंडीशनरस में होता है
हम रेफ्रिजरेंट इक्विपमेंट्स बेचने वाले दुकानों को यह गैस बेचते थे। यह सीजनल प्रोडक्ट है, इसका मार्केट मार्च अप्रैल और मई होता है। क्योंकि सभी अपनी एसी की सर्विसिंग इसी दौरान करवाते हैं। बारिश शुरू होते ही इसकी सेल खत्म हो जाती है। गर्मी के दिनों में इसकी कीमत भी बढ़ जाती है, और जाड़े में इसकी कीमत घट जाती है। अगर आप जून तक अपना स्टॉक नहीं भेज पाए, तो वह अगले मार्च में ही बिकेगा। एक और समस्या आती है, खाली सिलेंडर की। कंपनी के पास भी लिमिटेड सिलेंडर होते हैं, और एक खाली सिलेंडर की कीमत ₹5000 हैं। लेकिन गर्मी के दिनों में खाली सिलेंडर मिलना मुश्किल होता है
हमें एक कस्टमर मिला जिसने हमसे 5 सिलेंडर गैस लेकर, तीन खाली सिलेंडर वापस कर दिये। पांच भरे सिलेंडर के पैसे दिये और कहा दो सिलेंडर एक सप्ताह में दे देगा। हमने उसकी बात मान ली एक सप्ताह के बाद मैंने अपने एक बंदे को भेजा, खाली सिलेंडर लेने के लिए। कस्टमर का कहना था आपकी गैस में कंप्लेन है, आपने हमें डुप्लीकेट गैस सप्लाई किया है। बंदे ने मुझे फोन करके बताया। हम दुकानदार के पास पहुंचे और हमने कहा अगर आपको जरा भी संदेह है तो आप हमें हमारा गैस वापस कर दीजिए, हम आपको पैसे वापस कर देते हैं। हम कंपनी के डिस्ट्रीब्यूटर हैं और ऐसा काम हम नहीं करते हैं। तब उनका कहना था, मैं अपने बंदे से चेक करवा कर आपको इन्फॉर्म करूंगा। दूसरे दिन मैंने उसे फोन किया, उनका कहना था मेरा बंदा आज आया नहीं है, कल आएगा, चेक करके बताएगा। इस तरह से उन्होंने दो-तीन दिन लिया।
चार दिन के बाद, फिर वह बोले उनके बंदे ने चेक कर लिया है गैस सही है। सिलेंडर को अगले सप्ताह में दे देगा, हमने बात मान ली। फिर हम सिलेंडर के लिए एक सप्ताह के बाद गये, उनका कहना था सिलेन्डर अभी तैयार नहीं है, अगले सप्ताह मिलेगा। हम एक सप्ताह और रुक कर के पहुंचे, हर सप्ताह अगले सप्ताह की डेट मिलती और साथ में कोई ना कोई बहाना तैयार मिलता।  इस तरह करते करते लगभग 3 महीने गुजर गए
मेरा धैर्य समाप्त हो गया था। मैं उनकी दुकान पर पहुंचा, अच्छी बड़ी दुकान थी, दस- बारह का स्टाफ काम कर रहे थे। मुझे देखते हैं उनके चेहरे पर मायुसी छा गई। मैंने उनसे कहा, सर आपको सिलेंडर देने में अगर तकलीफ है तो आप मुझे सिलेंडर की कीमत दे दीजिए। वह कीमत देने को भी तैयार नहीं, सिलेंडर देने को भी तैयार नहीं।  फिर वही बात – अगले सप्ताह दूंगा, आपकी गैस में कम्पलेन है। मैंने कहा सर कंप्लेन है तो मैं वापस लेने के लिए तैयार हूं, और आपके पैसे वापस करने के लिए तैयार हूं।  तीन महीने से आप मुझे लटका रहे हैं, यह कोई तरीका नहीं है। उनका बेटा साथ में था, वह गर्म हो कर कहता है, अगर मैं सिलेंडर वापस नहीं करूं तो आप क्या कर लोगेमैंने कहा सिलेंडर के ₹10,000 बैड डेप्टस में डालूंगा और राजस्थान के 200 रेफ्रिजरेंट कंपनियों को आप की कहानी बताउंगा कि कैसे आपने मेरे ₹10,000 चुरा लिए। वह भड़क गया और बोला आप मेरी दुकान में बैठकर ऐसी बात कर रहे हो, आपको पता नहीं मैं क्या कर सकता हूं। मैं भी अपनी टॉलरेंस लेवल के पीक पर पहुंच चुका था, मैंने कहा आप क्या कर सकते हो बताओ।
उनका कहना था, मेरे दुकान में 12 स्टाफ है, उनके एक इशारे पर मेरी टांग हाथ सलामत हो सकती है। मैं कुर्सी से खड़ा हुआ, दोनों हाथ उनके काउंटर पर रखा और सामने झुकते हुए बेहद ठंडी आवाज में बोला – जेंटलमेन मैं आधा बिहारी और आधा अफ्रीकन हूं, अगर आप और आपके बंदे ने मुझे हाथ भी लगाने की कोशिश की तो इसी काउंटर पर विश्वकर्मा छू कर कहता हूं, भेजा उड़ा दूंगा, दुनिया की कोई ताकत आपको बचा नहीं पायेगी, आप को मारने के बाद मैं 12 -15 साल जेल में रहूंगा। उससे मेरे सेहत पर कोई बात ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा… पता नही क्यों मेरी ठंडी आवाज सुन कर के उन्होंने तुरंत दो सिलेंडर का चेक बना कर दे दिया।
चेक लेकर मैंने उनसे स्पष्ट शब्दों में कहा – भविष्य में मैं आपके साथ कोई बिजेनस नहीं करूंगा, और यह कहकर मैं उनकी दुकान से निकल पड़ा।
कभी कभी परिस्थितियाँ इतनी विषम हो जाती हैं, आपके न चाहते हुए भी आपको वह करना पड़ता है जो सही नहीं कही जा सकती।

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