विकसित हुई कम बारिश-बर्फबारी में होने वाले सेब की किस्म

जीबी पंत पर्यावरण इंस्टीट्यूट ने विकसित की कम बारिश-बर्फबारी में होने वाले सेब की प्रजाति

अल्मोड़ा,  पिछले कुछ वर्षो से बारिश की कमी और बर्फबारी नहीं होने से औसतन तापमान में वृद्धि हो रही है जिसका सेब उत्पादन पर भी प्रभाव पड़ रहा है। मौसम के इस बदलाव का प्रभाव धीरे-धीरे अन्य फसलों और बागवानी पर भी हो रहा है। जीबी हिमालय पर्यावरण संस्थान ने सेब के नई प्रजाति रूट स्टॉक एमएम 111 और रूट स्टॉक एम 193 विकसित की है जिन्हें उद्यान विभाग के साथ मिलकर अल्मोड़ा, बागेश्वर व उत्तरकाशी जिलों में प्रयोग के तौर पर सेब की नई प्रजाति की नर्सरी विकसित की है।

जीबी पंत पर्यावरण संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. किरीट कुमार का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से मौसम में तेजी से तबदीली आयी है। बारिश कम और बर्फबारी नहीं होने से फसल के साथ ही बागवानी पर भी पड़ा है। संस्थान नें कुछ सहयोगी संस्थाओं के साथ मिलकर नई प्रजाति विकसित की है, जिसका लाभ किसानों को मिल सकता है।

उत्तरकाशी के किसान अनूप शाह का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से सेब उत्पादन आदि में काफी कमी आई है। पूरे क्षेत्र की लोगों की आजीविका सिर्फ सेब उत्पादन पर ही है। अगर कोई नई प्रजाति विकसित होती है तो उसका लाभ किसानों को अवश्य होगा।

किसानों की आय बढ़ेगी
राज्य में सेब उत्पादन से ही हजारों किसानों की आजीविका जुड़ी है। पिछले कुछ वर्षों में बदलते मौसम में किसानों की मेहनत का परिणाम नहीं मिल पाया था। अब संस्थान के सेब की नई प्रजाति से किसानों को अच्छा लाभ मिल सकता है।

किसानों के लिए सकारात्मक समाचार है। जीबी हिमालय पर्यावरण संस्थान ने सेब के नई प्रजाति विकसित की है। इस प्रजाति की विशेषता यह है कि कम वर्षा और बर्फबारी में भी सेब का उत्पादन प्रभावित नहीं होगा।

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