कैंची धाम बाबा नीम करोली महाराज आश्रम

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Kainchi dham ashram, baba neem Karol maharaj

कुछ समय पूर्व प्रिंट और सोशल मीडिया की सुर्ख़ियों में भारत का एक मंदिर था, जब मार्क ज़करबर्ग  ने बताया कि फेसबुक के बुरे समय में बाबा जी का आशीर्वाद लेने वे – भारत के एक मंदिर आये थे और बाबा जी के आशीवार्द से उन्हें उनके बिज़नेस में इतनी बड़ी सफलता मिली। आप में से कई  लोग तो समझ  ही  गए होंगे किस मंदिर की बात कर रही है, और बहुत संभव हैं – कि आप इस मंदिर के दर्शन कर चुके होंगे। 

ज़करबर्ग ने  बताया कि वो यहाँ एप्पल कंपनी  के फाउंडर स्टीव जॉब्स की सलाह पर आये थे, जो कुछ वर्ष पूर्व कैंची मंदिर में आ चुके  थे, और स्टीव जॉब्स ने बतया कि वो अपने निराशा से भरे, मुश्किल समय में  – यही से सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद लेने के बाद, वो एप्पल कंपनी को नयी ऊंचाई पर ले जा सके। इसके अतिरिक्त  कई  विदेशी  और  देशी  सेलिब्रिटी और  आमजन   भी  मंदिर  में  आकर  बाबा  के  आशीर्वाद  ले  चुके  हैं। कैंची  धाम  में  प्रतिवर्ष  15 जून  को एक विशाल  मेले  का  आयोजन  भी  होता  है।

मंदिर और इसके साथ लगा आश्रम – उत्तराखंड में नैनीताल जिले में कैंची नाम की जगह में हैं.बाबा  नीम करोली महाराज का कैंची धाम आश्रम, नैनीताल से 20 किलोमीटर दूर नैनीताल-अलमोड़ा रोड़ पर समुद्र तल से 1400 मीटर ऊंचाई पर स्थित है।

बाबा नीम करोली आश्रम में  हर वर्ष लाखो श्रृदालु आते हैं, और बाबा जी का आशीर्वाद  पाते हैं बाबा सशरीर अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन  ईश्वरीय  अवतार थे, ईश्वर  कभी मरते  नहीं, उनकी  करुणा, दया और आशीर्वाद  अब  भी  शृदालुओ  पर  बरसता  हैं,  बाबा नीम करोली महाराज हनुमान जी के अवतार कहे जाते हैं।

शिप्रा नाम की छोटी पहाड़ी नदी के किनारे सन् 1962 में कैंचीधाम की स्थापना हुई। यहां दो घुमावदार मोड़ है जो कि कैंची के आकार के हैं इसलिए इसे कैंचीधाम आश्रम कहते हैं। 

कैंची  मंदिर परिसर  रोड  से  लगा   हैं, मंदिर  के  निकट  सड़क  के किनारे  गाड़ियों के  खड़े  करने  के  लिए पार्किंग   हैं, एकदम  व्यस्त  सीजन न हो  तो  आमतौर  पर  गाड़िया  पार्क  करने  के  लिए  जगह  मिल  जाती  हैं।

मंदिर  और  आश्रम परिसर  में  श्रृदालु  शीतकाल में नवंबर  से  मार्च तक  सुबह  7 बजे  से  शाम  6 बजे  तक और  शेष  वर्ष  सुबह  6  से सायं  7 बजे  तक  किये जा सकते  हैं।

कैंची  धाम  आश्रम  के  आस  पास   ठहरने  के  लिए  कई  गेस्ट  हाउस/ होटल  बन  गए  है। भोजन  के  लिए  कई  रेस्टौरेंट और  ज़रूरी  सामान  की  कुछ  दुकानें  भी  यहाँ  है।

अधिक जानने के लिए देखें वीडियो और  सुने  उनके  चमत्कार  से  जुड़ी  कुछ  कहानियाँ। 

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