Kainchi Dham Tample: नीम करौली बाबा से जुडी ऐसी जगह, जहाँ जाना आप भी पसंद करेंगे

उत्तराखंड में मौजूद कैंची धाम मंदिर की लोकप्रियता

उत्तराखंड में मौजूद कैंची धाम मंदिर की लोकप्रियता इतनी है कि यहां बाबा नीम करोली महाराज के दर्शन करने के लिए लोग देश-विदेश से आते हैं। बता दें, नीम करोली महाराज को कलयुग में भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है। इस जगह पर हनुमान जी को समर्पित एक मंदिर भी है, वहीं परिसर में ही बाबा नीम करोली का भी मंदिर और प्रार्थना कक्ष बनाया गया है।
फेमस कैंची धाम आश्रम और मंदिर शिप्रा नदी के तट पर बना हुआ है। ये स्थान इतना फेमस है कि यहां एक समय मार्क जुकरबर्ग भी दर्शन करने के लिए आए थे। बल्कि एप्पल कम्पनी के संस्थापक ने भी इस जगह पर आकर मत्था टेका था। हाल ही में विराट कोहली और अनुष्का शर्मा भी कैंची धाम मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे। आप भी जानिए आखिर ये मंदिर और आश्रम आखिर इतना लोकप्रिय क्यों है।

कैंची धाम मंदिर कहां है-

कैंची धाम उत्तराखंड में मौजूद नैनीताल-अल्मोड़ा रास्ते पर नैनीताल से करीबन 17 किमी और भवाली से 9 किमी की दूरी पर स्थित है। हर साल यहां 15 जून पर एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से बाबा, श्रद्धालु आते हैं।

कौन थे बाबा नीम करोली,

नीम करोली या नीब करौरी बाबा ​की गिनती 20वीं सदी के महान संतों में की जाती है. उनका जन्म उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गांव में हुआ था. नैनीताल, भुवाली से 7 किलोमीटर दूर कैंची धाम आश्रम की स्थापना बाबा ने 1964 में की थी. 1961 में वे यहां पहली बार पहुंचे थे और अपने एक मित्र पूर्णानंद के साथ आश्रम बनाने का विचार किया था. केवल उत्तराखंड में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बाबा के चमत्कारों की चर्चा होती है. फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बाबा के बारे में चर्चा कर चुके हैं,
क्यों प्रसिद्ध है कैंची धाम : कहा जाता है कि बाबा नीम करोली को 17 वर्ष की आयु में ही ईश्वर के बारे में बहुत विशेष ज्ञान हो गया था. हनुमान जी को वे अपना गुरु और आराध्य मानते थे. बाबा ने अपने जीवन में करीब 108 हनुमान मंदिर बनवाए. मान्यता है कि बाबा नीब करौरी को हनुमान जी की उपासना से अनेक चमत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं. हालांकि वह आडंबरों से दूर रहते थे. एकदम आम आदमी की तरह जीने वाले बाबा नीम करोली तो अपना पैर भी छूने नहीं देते थे. ऐसा करने वालों को वे हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे,                                          उन्हें इस युग के दिव्य पुरुषों में से एक माना जाता है. उत्तराखंड स्थि​त कैंची धाम में जब जून में वार्षिक समारोह होता है तो उनके भक्तों की खूब भीड़ लगती है. कैंची धाम में न केवल भारत के विभिन्न राज्यों, बल्कि विदेशों से भी उनके अनुयायी यहां पहुंचते हैं. पीएम मोदी, हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स, एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग जैसी हस्तियां भी बाबा के भक्तों में शामिल हैं. ये लोग कैंची धाम आश्रम भी आ चुके हैं,
बाबा का निधन : बाबा नीम करौली महाराज के दो पुत्र और एक पुत्री हैं। ज्येष्ठ पुत्र अनेक सिंह अपने परिवार के साथ भोपाल में रहते हैं, जबकि कनिष्ठ पुत्र धर्म नारायण शर्मा वन विभाग में रेंजर के पद पर रहे थे। हाल ही में उनका निधन हो गया है। उन्होंने अपने शरीर का त्याग 11 सितंबर 1973 को वृंदावन में किया था। बताया जाता है कि बाबा के आश्रम में सबसे ज्यादा अमेरिकी ही आते हैं। आश्रम पहाड़ी इलाके में देवदार के पेड़ों के बीच स्थित है।

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