उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों के करीब 2000 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एक कंदमूल पाया जाता है, जिसे गेठी (Gethi Benefits) के नाम से जाना जाता है ,

यह औषधीय गुणों का धनी है. इसको एयर पोटैटो (Air Potato Benefits) भी कहा जाता है. आलू के आकार की दिखने वाली गेठी गर्म तासीर की होती है ,

गेठी को दवाई के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है… प्रोफेसर तिवारी ने बताया कि गेठी को दवाई के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. यह खांसी ठीक करने में लाभदायक है |

इसमें ग्लूकोज और फाइबर काफी मात्रा में होता है, जिस वजह से यह एनर्जी बूस्टर का भी काम करती है. इसमें कॉपर, आयरन, पोटेशियम, मैग्नीज भी होता है. यह विटामिन बी का एक बेहतरीन सोर्स है |

इसका लेप लगाने से फोड़े-फुंसी भी ठीक हो जाती हैं. इसका सेवन कोलेस्ट्रोल को कम करने में भी मदद करता है |

शरद ऋतु के दौरान गेठी बाजार में देखने को मिल जाएगी. इसकी कीमत 60 से 70 रुपये प्रति किलो तक होती है. हालांकि पहाड़ का यह कंदमूल अब विलुप्ति होने की कगार पर है. औषधीय गुणोंसे भरपूर इस पहाड़ी सब्जी को संरक्षित करना बेहद जरूरी है |

गेठी की सब्जी की रेसीपी –          500 ग्राम गेठी – एक बड़ा लहसुन – प्याज दो मीडियम – दो मीडियम टमाटर – सरसों का तेल – एक नींबू – हल्दी, धनिया व जीरा पाउडर आवश्यकतानुसार – नमक स्वादानुसार – हरा धनिया सजाने के लिए

उत्तराखंड के पहाड़ में गेठी की सब्जी सबसे ज्यादा महाशिवरात्रि के दिन खायी जाती है |