पहाड़ी नींबू ( लिम्बा ) के औषधीय गुण-उत्तराखंड का पहाड़ी नींबू बड़ा होता है, जो भूख बढ़ाने वाला होता है।
अगर बेस्वाद मुँह है, अधिक प्यास लगती है, उल्टियाँ होती है, कमजोर पाचन शक्ति है, खाँसी है, श्वास लेने में परेशानी है तथा पेट में कीड़ों है, तो पहाड़ी नींबू बेहद लाभदायक है।
एसिडिटी एवं अम्ल पित्त की स्थिति में शाम के समय में इसका ताजा रस पिएँ अपच के लिए यह हितकारी है।
दो तोला पहाड़ी नींबू का गूदा लें। इसमें छः माशा (करीब आधा तोला) काला नमक मिलाएँ। इसे खाने से लीवर संबंधी तकलीफ दूर होगी। यह पीलिया रोग के लिए भी फायदेमंद है।
सुबह-शाम एक गिलास पानी में एक पहाड़ी नींबू निचोड़कर पीने से मोटापा दूर हो जाता है। बवासीर (पाइल्स) में रक्त आता हो तो पहाड़ी नींबू की फांक में सेंधा नमक भरकर चूसने से रक्तस्राव बंद हो जाता है।
एक गिलास पानी में एक पहाड़ी नींबू निचोड़कर प्रातः भूखे पेट हमेशा पीते रहने से नेत्र ज्योति ठीक रहती है। इससे पेट साफ रहता है व शरीर स्वस्थ रहता है। निरोग रहने का यह प्राथमिक उपचार है।
आधे पहाड़ी नींबू का रस और दो चम्मच शहद मिलाकर चाटने से तेज खांसी, श्वास व जुकाम में लाभ होता है।