क्या आपको पता है रात मे लाइट जले रहने से कितना ज्यादा प्रदूषण (Light Pollution) होता है! और मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर इसका कितना घातक असर है।

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कृत्रिम अथवा बनावटी या मानव निर्मित रोशनी का अत्यधिक उपयोग ही Light Pollution यानि प्रकाश प्रदूषण है। इसने इंसानी जीवन के साथ पशुओं, पेड़ों  एवं अति सूक्ष्म जीवों का जीवन भी खतरे मे है।

मुख्यतः चार प्रकार के प्रकाश प्रदूषण हैं - ग्लेयर- आंखें चौंधियाने वाली चमक स्काईग्लो– रात के अंधेरे में भी आसमान का चमकना लाइट ट्रेसपास- लाइट होना जहां उसकी जररूत नहीं क्लटर- कई चमकदार लाइटों का जलना

Light Pollution से अनिद्रा, अवसाद और मोटापे और मधुमेह के बढ़ते जोखिम सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त, तेज रोशनी की चकाचौंध से आंखों में खिंचाव और सिरदर्द हो सकता है।

यह पौधों और पशुओं के प्राकृतिक क्रियाओं मे अवरोध उत्पन्न करता है। कई जीव रात्रि में ही सक्रिय होते है उदाहरण के लिए, समुद्री कछुए अक्सर समुद्र तटों पर कृत्रिम रोशनी की वजह से मार्ग भटक जाते हैं।

पौधों और फसलों के प्रजनन के लिए परागकण एक जगह से दूसरी जगह कई कीटों का द्वारा ले जाया जाता हैं, लेकिन कृत्रिम रोशनी से वो भटक जाते है और लाखों की संख्या मे उनकी मौत हो जाती हैं।

आज नाइट लाइफ, चकाचौध भरी शहरी लाइफ का आनंद लेती पीढ़ी को उनके द्वारा जाने - अनजाने किया जा रहा प्रकाश का अत्यधिक उपयोग - दुनिया को प्रकाश प्रदूषण के गहरे अंधेरे में धकेल रहा है।

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