27 Feb To 5 March 2023: होलाष्टक से नरसिंह द्वादशी तक, इस सप्ताह पड़ेंगे ये व्रत त्योहार

फरवरी के आखिरी सप्ताह की शुरुआत आज से हो चुकी है। 27 फरवरी से शुरू हुआ ये सप्ताह 5 मार्च तो समाप्त होगा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के साथ आरंभ हो रहा है

और फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि के साथ समापन हो रहा है। सप्ताह की शुरुआत होलाष्टक, मासिक दुर्गाष्टमी के साथ हो रही है। इस सप्ताह होलाष्टक के अलावा नरसिंह द्वादशी, शनि प्रदोष व्रत के अलावा फाल्गुन चौमासी चौदस व्रत पड़ रहा है।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, जानिए इस सप्ताह पड़ने वाले सभी व्रत त्योहारों के बारे में।

फरवरी के आखिरी और मार्च के पहले सप्ताह का व्रत त्योहार होलाष्टक फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के साथ होलाष्टक का आरंभ होता है, जो पूर्णिमा यानी होलिका दहन के साथ समाप्त हो जाएगा।

होलाष्टक के दौरान किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ काम को करने का मनाही होती है। क्योंकि होलाष्टक के दौरान नवग्रह का स्वभाव उग्र होता है। ऐसे में ग्रहों का शुभ प्रभाव कम पड़ता है।

मासिक दुर्गाष्टमी हर मास के शुक्ल पक्ष के अष्टमी तिथि के दिन दुर्गाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की विधिवत पूजा करने का विधान है। माना जाता इस दिन मां दुर्गा की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और हर संकट से छुटकारा मिल जाता है।

3 मार्च 2023, शुक्रवार- नरसिंह द्वादशी फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन नरसिंह द्वादशी होती है। यह होली के तीन दिन पहले मनाई जाती है। नरसिम्हा भगवान विष्णु जी के 12 अवतारों में से एक माने जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नरसिम्हा द्वादशी के दिन भगवान विष्णु के अवतार भगवान नरसिंह खंभे को चीर कर प्रकट हुए थे।

इनका आधा शरीर मनुष्य और आधा शेर का था। इन्होंने असुरों के राजा हिरण्यकश्यप का संघार किया था। इनके प्रकट होने के चलते ही इस दिन नरसिम्हा द्वादशी मनाई जाती है।

4 मार्च 2023, शनिवार- शनि त्रयोदशी, प्रदोष व्रत (शुक्ल) पंचांग के अनुसार, हर मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति के साथ हर संकट से छुटकारा मिल जाता है।