उत्तराखंड में पहली बार नजर आई Chinese Ruby Throat

by Neha Mehta
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Chinese-Ruby-Throat

Uttarakhand: उत्तराखंड अपनी संस्कृति अपने प्राकृतिक सौन्दर्य कर लिए लिए जितना प्रसिद्ध है, उतना ही प्रसिद्ध ये यहाँ पाए जाने वाले पशु-पक्षियों के लिए भी हैं। उत्तराखंड में कई वन्य अभ्यारण भी हैं जहां हमें अलग-अलग तरह के पशु-पक्षी देखने को मिल जाते हैं।उत्तराखंड इन्हीं सब कारणों से लोगों की एक मनपसंद जगहों में से एक भी हैं, यह प्रकृति प्रेमियों के लिए एक विशेष महत्व रखता है। कोटद्वार व आसपास का क्षेत्र भी ऐसे ही पक्षी प्रेमियों के लिए खास महत्व रखता है। इस क्षेत्र में पक्षियों की 350 से अधिक प्रजाति वास करती हैं, जिनका पक्षी प्रेमी वर्षभर दीदार करते हैं। अब तो क्षेत्र में पूरे वर्ष अप्रवासी पक्षियों की भी मौजूदगी बनी रहती है।

कोटद्वार में ठंड के दिनों में कई अलग-अलग प्रजाति के पक्षी आते हैं। और यह पक्षी प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है। यहाँ पाई जाने वाली पक्षियों के बाद यहाँ उच्च हिमालयी क्षेत्र में पाई जाने वाली चाइनीज रूबी थ्रोट इन दिनों कालागढ़ टाइगर रिजर्व फारेस्ट वन प्रभाग के जंगल में नजर आ रही है। यह पहला मौका है, जब कोटद्वार के आसपास चाइनीज रूबी थ्रोट दिखाई दी है।

कालागढ़ पक्षी प्रेमियों का ध्यान खींचती हैं

इस क्षेत्र में कई अलग-अलग प्रजातियों के पक्षी जैसे ब्राडबिल, ब्लैक नेप्ड मोनार्क, बारटेल्ड ट्री कीपर, गूजेंडर, ब्राउन फिश आउल, बार विंग्ड फ्लाई कैचर स्राइक, रेड बिल्ड लियोथ्रेक्स, ब्लैक स्ट्रोक, ग्रे हेडेड केनरी फ्लाई कैचर जैसी प्रजाति के पक्षी नजर आते हैं, वहीं हार्नबिल (धनेश), किंगफिशर (राम चिड़िया), वुडपैकर (कठफोड़वा), बुलबुल आदि पक्षियों की कई प्रजाति अनायास ही पक्षी प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर खींचती हैं।

यहाँ पक्षी प्रेमियों के लिए इन पक्षियों के अलावा अब चाइनीज रूबी थ्रोट भी आकर्षण का केंद्र बन रही है। कोटद्वार क्षेत्र के प्रमुख पक्षी प्रेमी राजीव बिष्ट बताते हैं कि पहली बार क्षेत्र में चाइनीज रूबी थ्रोट ने दस्तक दी है। बताया कि जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, क्षेत्र में अप्रवासी पक्षियों की आमद भी बढ़ती जाएगी। चाइनीज रूबी थ्रोट उच्च हिमालयी क्षेत्र के साथ ही म्यांमार, रूस, भूटान आदि देशों में नजर आती है।

प्रवासी पक्षियों के बनाया बसेरा

कोटद्वार क्षेत्र के जंगल में पिछले कुछ समय से ऐसे भी पक्षी नजर आ रहे हैं, जिन्होंने अन्य स्थानों से आकर इस क्षेत्र के जंगल में बसेरा बनाया है। जिनमें ब्लैक कैप्ड किंगफिशर, लांग टेल्ड ब्राडबिल, ब्राउन डिपर, यलो बिल्ड फिनटेल, ब्लैक नेप्ड मोनार्क, बोनल ईगल सहित कई ऐसे पक्षी हैं, जो क्षेत्र के जंगल में नजर आ रहे हैं। पक्षी प्रेमी राजीव बिष्ट के अनुसार बहुत संभव है कि मौसम के मिजाज में आ रहे बदलावों के कारण भी पक्षी अपना बसेरा बदल रहे हों।



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