इस वर्ष हो रहे हरिद्वार महाकुंभ में स्नान करने जा रहे हैं तो पहले अवश्य जान लें ये 7 बातें

by News Desk
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इस वर्ष हो रहे हरिद्वार महाकुंभ में स्नान करने जा रहे हैं तो पहले अवश्य जान लें ये 7 बातें-

हिंदू धर्म में कुंभ मेले का बहुत महत्व है. यह पर्व दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। भारत में हर 12वें वर्ष हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक मे इसका आयोजन किया जाता है। हालांकि, कुंभ मेले के इतिहास में पहली बार ये हरिद्वार में यह 12वें वर्ष की जगह 11वें वर्ष में आयोजित होगा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए हरिद्वार महाकुंभ 2021 को साढ़े तीन माह से घटाकर डेढ़ माह कर दिया गया है।

महाकुंभ 2021 की मेजबानी करने के लिए हरिद्वार नगर तैयार है, पर इस बार शासन-प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है – श्रद्धालुओं का कोरोना महामारी से बचाव सुनिश्चित करना। अधिकारियों का सबसे अधिक ध्यान इस बात पर है कि लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं और साधु-संतों को कुंभ में हिस्सा लेने के बाद कैसे सुरक्षित वापस भेजा जाये।

यदि आप भी कुंभ में स्नान के लिए जाने की योजना बना रहे हैं, तो आपको इस वर्ष कोरोना प्रोटोकॉल के बारे में जानना बहुत आवश्यक है। आईजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल ने इस हेतु बड़ी कार्ययोजना तैयार की है, जिस पर अमल भी शुरू हो गया है।  अब भीड़ कम करने के लिए मेला प्रशासन ने नई गाइडलाइंस जारी की है। आइए जानते हैं इसके बारे में।
आगंतुकों के कोरोना लक्षण दिखाई देने पर प्रवेश नहीं– जो लोग सिम्पटोमैटिक हैं, यानि जिनमें कोविड-19 महामारी से जुड़े लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो उन्हें कुंभ मेला क्षेत्र मे प्रवेश नहीं मिलेगा। उन्हें या तो लौटा दिया जाएगा या फिर महामारी इलाज के लिए बने कोविड केयर सेंटर में रेफर कर दिया जाएगा। आपको जानकारी दे दें कि – पूर्व में भी इसी माह मकर सक्रांति पर मेला पुलिस द्वारा ऐसा ही किया गया था।

निगेटिव रिपोर्ट रखें साथ– महाकुंभ स्नान के लिए आने वाले ऐसे श्रद्धालु जो एक दिन के रात्रि प्रवास (नाइट हाल्ट) के लिए आना चाहते हैं, उनको कोविड-19 टेस्ट कराने के बाद ही रिपोर्ट नेगेटिव आने की बाद ही कुम्भ क्षेत्र में आने की गाइडलाइन है। मास्क पहनना सभी के लिए अनिवार्य है। मास्क ना पहनने वालों के खिलाफ कंपाउंडिंग या समन की कार्रवाई भी मेला पुलिस की ओर से की जाएगी। सभी से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की अपील भी मेला प्रशासन की ओर से की जा रही है। हालांकि इस बारे में में आईजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल का मानना है कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करना व्यवहारिक रूप से थोड़ा कठिन जरूर है, पर सभी से अपनी सुरक्षा के लिए इसके पालन की अपील और अपेक्षा की जा रही है।

ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन– स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को अपना रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन पोर्टल पर करवाना जरूरी होगा। पोर्टल पर उपलब्ध डेटा से यह पता चल सकेगा कि किस-किस दिन अधिक भीड़ रहेगी। मेला प्रशासन उसी के अनुसार व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देगा।  इसके अलावा अगर स्नान के दौरान कोई पॉजिटिव पाया जाएगा तो कांट्रैक्ट ट्रेसिंग को बेहतर तरीके से अंजाम दिया जा सकेगा।

महाकुंभ 2021 में 4 शाही स्नान
इस बार पहला शाही स्नान 11 मार्च को शिवरात्रि पर होगा, दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या पर, तीसरा शाही स्नान 14 अप्रैल को मेष संक्रांति और चौथा शाही स्नान 27 अप्रैल को बैसाख पूर्णिमा पर होगा।

बच्चों-बुजुर्गों से नहीं आने की अपील– महाकुंभ स्नान में 10 साल से छोटे बच्चों और बुजुर्गों के नहीं आने के लिए अपील की जा रही है। कोमॉर्बिडिटी वाले स्नान के दौरान बरतें खास एहतियात- जिन लोगों में कोमॉर्बिडिटी (सह-रुग्णता) हैं, और जिनकी इम्युनिटी कंप्रोमाइज्ड है, उन्हें स्नान के दौरान विशेष एहतियात बरतने की हिदायत दी गई हैं।
लगा सकेंगे सिर्फ तीन डुबकी– कुंभ में स्नान के दौरान घाटों पर मनचाही डुबकियां लगाने की छूट नहीं होगी। श्रद्धालु गंगा तट पर आएं और स्नान कर सकुशल वापस जाएं, इसके लिए घाटों पर उनका कम से कम समय तक रहना सुनिश्चित किया जाएगा. इसके लिए ‘एक स्नान, तीन डुबकी’का फॉर्मूला भी लागू किया गया है।

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