उत्तराखंड समाचार 12 मार्च 2021

by Deepak Joshi
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सत्ता की कमान संभालने के बाद, मुख्यमंत्री सचिवालय में आज हो सकता फेरबदल

सत्ता की कमान संभालने के बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपने सचिवालय से बदलाव की शुरुआत कर सकते हैं। गुरुवार को आईएएस अधिकारी शैलेश बगोली को उनका सचिव बनाया गया है।

कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने बगोली को मुख्यमंत्री सचिव बनाए जाने का आदेश जारी किया है। अभी मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनात सचिवों, अपर सचिवों की तैनाती में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि शुक्रवार को इस संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक में विचार-विमर्श किया जाएगा।

मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनाती के लिए दावेदारों ने परिक्रमा करनी शुरू कर दी है। अब यह देखना होगा कि मुख्यमंत्री तीरथ पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के कार्यकाल में तैनात रहे अधिकारियों व दर्जाधारियों को बनाए रखते हैं या उनके स्थान पर नए चेहरों को जगह देते हैं।

CM तीरथ सिंंह रावत ने दिए संकेत, नौकरशाही में जल्द हो सकता बड़ा फेयरबदल

नौकरशाही को लेकर सीएम तीरथ रावत का सबसे पहला आदेश सचिव शैलेश बगोली को सीएम सचिव बनाने का हुआ। बताया जा रहा है कि जल्द सीएम सचिवालय में कई बड़े बदलाव भी होने जा रहे हैं। नौकरशाही को पूरी तरह नये सिरे से डिजाइन किया जाएगा। शैलेश बगोली के पास अभी तक सचिव शहरी विकास, आवास, परिवहन का जिम्मा रहा। सचिव सीएम के रूप में उनकी जिम्मेदारी को बढ़ा दिया गया है। अब सीएम सचिवालय में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव अमित नेगी, सचिव राधिका झा, प्रभारी सचिव नीरज खैरवाल अन्य है। अपर सचिवों की संख्या अलग हैं। इस सीएम सचिवालय में जल्द बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। लंबे समय से डंप पड़े कई अफसरों के पुनर्वास की उम्मीद जगी है, तो कई तेज तर्रार के पर कतरने की संभावना।सुबह पूर्व सीएम बीसी खंडूड़ी के आवास में मीडिया से बातचीत में सीएम तीरथ सिंह रावत ने अपनी टीम का गठन जल्द करने के संकेत भी दिए। कहा कि जल्द ही इस बाबत निर्णय ले लिया जाएगा।

सोशल मीडिया में नौकरशाही के किस्से
सोशल मीडिया में नौकरशाही को लेकर खासी चर्चाएं हैं। बगौली के सचिव के रूप में चयन के भी काफी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। बगौली की छवि शांत रहते हुए समर्पित होकर काम करने वाले अधिकारी की है। कुछ चर्चित अधिकारियों को लेकर चटखारे लेकर चर्चाएं भी जारी हैं।

जिलों में भी दिखी बेचैनी
नये निजाम में अपनी कुर्सी बचाने की बेचैनी जिलों में भी नजर आई। जिलाधिकारी, एसएसपी समेत अन्य अहम पदों पर बैठे लोग राजधानी में बैठे संपर्कों से अपडेट लेते दिखे। हालांकि गुरुवार को महाशिवरात्री का अवकाश होने के कारण शासन स्तर पर चहलकदमी कम दिखी, लेकिन शुक्रवार को काफी स्थिति साफ होने की उम्मीद है।

 

हरिद्वार में संन्यासी अखाड़ों ने शाही वैभव के साथ किया महाशिवरात्रि स्नान

 कुंभ की औपचारिक शुरूआत भले ही एक अप्रैल से हो, लेकिन हरिद्वार अभी से कुंभ की आभा में दमकने लगा है। महाशिवरात्रि पर्व पर सातों संन्यासी अखाड़ों के हजारों साधु-संत जब हरकी पैड़ी पर गंगा में डुबकी लगाने पहुंचे तो ब्रह्मकुंड में अवधूती आनंद बरसने लगा। ‘हर-हर महादेव’ व ‘बम-बम भोले’ के जयघोष से चारों दिशाएं गुंजायमान हो उठीं और पंचाक्षरी मंत्र की मधुर धुन से वातावरण महकने लगा। हरकी पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड से लेकर दक्ष नगर कनखल तक सभी गंगा घाट इंद्रधनुषी आभा में आलोकित हो उठे।

शाही वैभव के साथ संन्यासी अखाड़ों का क्रमानुसार हरकी पैड़ी पहुंचना और साधु-महात्मा व नागा संन्यासियों का ब्रह्मकुंड में गंगा की लहरों से एकसार होना आध्यात्मिक अनुभूति करा रहा था।

प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार देर शाम तक सातों संन्यासी अखाडों के साधु-संतों समेत 30 लाख से अधिक श्रद्धालु गंगा घाटों पर आस्था की डुबकी लगा चुके थे। तय क्रम के अनुसार सबसे पहले श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के छत्र तले अग्नि, आह्वान और किन्नर अखाड़े ने आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि की अगुआई में पूरी शान-ओ-शौकत के साथ महाशविरात्रि स्नान किया।

 

केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई को खुलेंगे, इस यात्रा सीजन के लिए मंदिर के मुख्य पुजारी होंगे बागेशलिंंग

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि घोषित कर दी गई। धाम के कपाट 17 मई को प्रात: पांच बजे खोले जाएंगे। इसी के साथ चारों धामों के कपाट खुलने की तिथि तय हो गई है। इसके तहत बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई तथा गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट परंपरा के अनुसार 14 मई को अक्षय तृतीया के दिन खोले जाएंगे।

परंपरा के अनुसार बाबा केदार के शीतकालीन गद्दीस्थल रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग की उपस्थिति में वेदपाठियों और तीर्थपुरोहितों ने पचांग गणना के बाद धाम के कपाट खोलने की तिथि निर्धारित की। बाबा केदार की चल विग्रह डोली 14 मई को ओंकारेश्वर मंदिर से धाम के लिए प्रस्थान करेगी। 15 मई को डोली रात्रि विश्राम के लिए गौरीकुंड पहुंचेगी और 16 मई की शाम केदारनाथ धाम पहुंचेगी।

इस अवसर पर रावल ने इस यात्रा सीजन के लिए बागेश ङ्क्षलग को केदारनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी नियुक्त किया। इसके अलावा मदमहेश्वर धाम के लिए पुजारी शिवि‍लिंग स्वामी, गुप्तकाशी स्थित विश्वनाथ मंदिर के लिए शशिधर लिंग के साथ ही ओंकारेश्वर मंदिर के लिए गंगाधर लिंग को पुजारी नियुक्त किया गया है।इस मौके पर उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी ङ्क्षसह, कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, विनोद शुक्ला, जगदीश भट्ट भी उपस्थित थे।

 

उत्तराखंड में कोरोना ने पकड़ी रफ्तार, 69 नए मरीज, एक की मौत

राज्य में गुरुवार को कोरोना के 69 नए मरीज मिले और एक संक्रमित की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में कुल मरीजों की संख्या 97634 हो गई है। जबकि मरने वालों का आंकड़ा 1698 हो गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार गुरुवार को अल्मोड़ा, चमोली, चम्पावत, पिथौरागढ़, टिहरी और उत्तरकाशी में एक भी नया मरीज नहीं मिला। जबकि देहरादून में 22, हरिद्वार में 25, बागेश्वर में दो, नैनीताल में 15, पौड़ी में तीन, रुद्रप्रयाग में एक, यूएस नगर में एक मरीज में कोरोना संक्रमण पाया गया है। गुरुवार को विभिन्न अस्पतालों से 26 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया। जिससे ठीक होने वाले कुल मरीजों की संख्या 93884 हो गई है। राज्य के अस्पतालों में अब 642 एक्टिव मरीज हैं। राज्य में कोरोना संक्रमण की दर 3.87 जबकि मरीजों के ठीक होने की दर 96.13 हो गई है। गुरुवार को 18 हजार से अधिक सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। 20 हजार से अधिक की रिपोर्ट आई है और सात हजार के करीब सैंपल जांचें जाने बाकी है। एम्स ऋाषिकेश में भर्ती एक मरीज की संक्रमण के बाद मौत हो गई है।

तीन हजार का टीकाकरण
गुरुवार को राज्य में 2951 लोगों का कोरोना टीकाकरण किया गया। इसके साथ ही राज्य में दो डोज लगाने वाले लोगों की संख्या 70 हजार से अधिक हो गई है। गुरुवार को राज्य में टीकाकरण का दिन नहीं है। लेकिन इसके बावजूद तीन हजार के करीब लोगों ने टीका लगाया है। 60 साल से अधिक उम्र के 60 हजार से  अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने लगवाया कोरोना टीका
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने गुरुवार दोपहर सीएमआई अस्पताल में जाकर कोरोना टीका लगवाया। इस दौरान पूर्व सीएम ने कहा कि उन्होने स्वदेशी टीका लगवाया और उसके बाद वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उन्हें किसी तरह की कोई भी दिक्कत नहीं हुई। कहा कि सभी को कोरोना से लड़ाई और बचाव के लिए टीका जरूर लगवाना चाहिए। कहा कि स्वदेशी टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। इस दौरान अस्पताल के निदेशक डा. आरके जैन और डा. महेश कुड़ियाल ने भी लोगों से अपील की कि वे कोरोना से लड़ाई में सावधानी रखने के साथ ही टीका जरूर लगवाएं।

उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री ने कुछ इस तरह किया संतों का स्वागत, और लिया आशीर्वाद

महाशिवरात्रि के मौके पर गुरुवार काे तड़के चार बजे से तीर्थनगरी में महाकुंभ का पहला शाही स्नान हो रहा है। जिसके लिए कुंभ नगरी हरिद्वार में हरकी पैड़ी सहित अन्य गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ आया। गुरुवार को हरकी पैड़ी पहुंचकर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने पूजा अर्चना के बाद मां गंगा को चुनरी ओढ़ाई। आचार्य महामंडलेश्वर के स्नान के लिए ब्रह्मकुंड उतरते ही संतों और नागा साधुओं ने भी गंगा स्नान के लिए छलांग लगाई। शाही स्नान के मध्य में हरकी पैड़ी पहुंचकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने संतों को बधाई दी।   मुख्यमंत्री बनने के एक दिन बाद ही तीरथ सिंह रावत ने महाशिवरात्रि पर शाही स्नान कर रहे संतों के बीच पहुंचकर सभी को चौंका दिया। ऐसा दावा किया जा रहा है कि शाही स्नान के दौरान हरकी पैड़ी स्थित प्रसिद्ध ब्रह्मकुंड तक पहुंचने वाले वह पहले सीएम हैं। इस दौरान संतों ने सीएम को भी स्नान करने के लिए आमंत्रित किया, लेकिन उन्होंने शाही स्नान का हवाला देते हुए केवल आशीर्वाद लिया। इससे पहले सीएम ने भवन की छत से संतों और श्रद्धालुओं पर फूल भी बरसाए।

नए मुख्यमंत्री को असहज करने को कांग्रेस ने झोंकी ताकत, इस दिन निकालेंगे जनाक्रोश रैली

प्रदेश में भाजपा की ओर से नए मुख्यमंत्री का चेहरा लाने के बाद कांग्रेस ने भी जनाक्रोश को और मुखर करने की मुहिम तेज कर दी है। इसकी शुरुआत के लिए गढ़वाल की हृदयस्थली श्रीनगर को खासतौर पर चुना गया है। नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत गढ़वाल से ही सांसद हैं। 14 मार्च को महंगाई के खिलाफ आम जनता को लामबंद करने के लिए पार्टी जनाक्रोश रैली करेगी।

कांग्रेस प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ जनता के रोष को भुनाने की पुरजोर कोशिश कर रही है। पेट्रोल व डीजल के साथ रसोई गैस की बढ़ती कीमतों ने कांग्रेस को सरकार के खिलाफ हथियार मुहैया करा दिया है। प्रमुख विपक्षी दल इस मुद्दे पर प्रदेशव्यापी आंदोलन के तहत जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन कर चुका है। अब अगले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर जनता के रोष को भुनाने के लिए रणनीतिबद्ध तैयारी की गई है। इस कड़ी में गढ़वाल मंडल के श्रीनगर क्षेत्र को चुना गया है। श्रीनगर में 14 मार्च को होने वाले प्रदर्शन को कांग्रेस खासी अहमियत दे रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह जनाक्रोश रैली को सफल बनाने के लिए गढ़वाल मंडल के जिलाध्यक्षों एवं प्रमुख नेताओं के साथ बैठक कर चुके हैं। पौड़ी जिले के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों से भारी भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है। साथ में गढ़वाल के तकरीबन सभी जिलों से कांग्रेस कार्यकत्र्ता रैली में शामिल होंगे। कांग्रेस इस रैली के माध्यम से एक तीर से कई निशाने साधने की तैयारी में है। रैली के माध्यम से भाजपा और नए मुख्यमंत्री दोनों को संदेश देने की कोशिश की जा रही है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि इस रैली के माध्यम से पूरे पर्वतीय क्षेत्रों में सरकार के खिलाफ बिगुल फूंका जाएगा। भाजपा सरकार नए चेहरे को आगे कर अपनी चार साल की नाकामी को छिपाने की कोशिश नहीं कर सकती। सरकार के कारनामों को लगातार उजागर कर रही कांग्रेस से प्रदेश में भाजपा सरकार असहज हो चुकी है। महंगाई के साथ किसानों की ऋण माफी, बेरोजगारों को रोजगार, देवस्थानम बोर्ड और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर जनता में सरकार के खिलाफ आक्रोश है।



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